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अक्तूबर 9, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जच्चा गीत- तुम हुए पैदा लाल हमारे

जच्चा गीत-   जच्चा गीतों को सोहर गीत भी कहा जाता है. बच्चे के जन्म पर ढ़ोलक की थाप पर महिलाएं जब ये गीत गाती हैं तो पुत्र या पुत्री रत्न की प्राप्ति की खुशी दोगुनी हो जाती है. आप भी इस जच्चा गीत के द्वारा कहीं भी बच्चे के जन्म के शुभ अवसर को और खुशनुमा बना सकती हैं. तो लीजिए प्रस्तुत हैं जच्चा गीत.... तुम हुए पैदा लाल हमारे Newly born baby तुम हुए पैदा, लाल हमारे दुख दूर हुए, हैं अब सारे दादी लाई लड्डू, और बोली बहू खरी-खोटी ना अब, कुछ मैं कहूँ मुझे पोता दिया मानो सब कुछ दिया बड़ी सुलक्षणी, हमारी बहू खाओ बहुरानी, लड्डू ये सारे दुख दूर हुए, हैं अब सारे तुम्हारी बुआ, कहे प्यारी भाभी खोलो खोलो बक्से की चाबी हमें भतीजा मिला मानो सब कुछ मिला बड़े दिल वाली, हमारी भाभी हम बन बैठे, सब के दुलारे दुख दूर हुए, हैं अब सारे तुम्हारी ताई, लाई पंजीरी बोली खाओ, बहन छोटी मेरी सुंदर जाया है लाल, काले काले है बाल गोरा ऐसा मैया है जैसी गोरी गाल फूलों से कोमल है प्यारे दुख दूर हुए, हैं अब सारे चाची रानी भी, पलना झुलाये वारी वारी ललन पे जाये सोने ना दे, वो चुहल कर

विवाह गीत (बन्नी) lyrics| नये जमाने की modern बन्नो पर लिखा हा्स्य बन्नी गीत

प्रस्तुत है लड़की की शादी में गाए जाने के लिए बन्नी गीत.  इस विवाह गीत में Modern   जमाने की बन्नो ससुराल जाने के लिए बेताब है और ससुराल के सामने अब यह घर उसे पराया लगता है . ब्याह शादी में हास-परिहास में  बन्ना-बन्नी को चिढ़ाने के लिए ऐसे ही गीत रौनक लगा देते हैं. आप भी इस बन्नी गीत को किसी भी विवाह में ढ़ोलक पर गा बजा कर रौनक लगाएं और महफिल लूट ले जाएं. कन्या भ्रूण हत्या पर पढ़ें कविता तो प्रस्तुत है -- नये जमाने की बन्नो😁😁 की शादी के लिए यह  विवाह बन्नी-गीत.. संग की सहेलियां पूछें, लाड़ो कहां चली  चमन की कलियां पूछें, लाड़ो कहां चली  चली रे चली मैं तो छोड़, बाबुल की गली  संग की सहेलियां पूछें, लाड़ो कहां चली  1. वहां पापा नहीं मिलेंगे, मम्मी भी नहीं मिलेंगी किस से कहोगी मन की, किस से जिद्द करोगी  वहां ससुर जी तो होंगे, पापा उनसे कहूंगी सासूजी को मां कह कर, उन से जिद्द करूंगी पापा मम्मी भूली ससुर, भले अब सास भली हाय रे हाय नए जमा,ने की हवा चली  संग की सहेलियां पूछे लाड़ो कहां चली  चमन की कलियां पूछे लाड़ो कहां चली 2. मां का हृदय टूटा जाए, रो रो कर लें बलाएं मां क्यों हमें रुल