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अगस्त 7, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सास बहू नोकझोंक पर हास्य बन्ना गीत

सामान्य जीवन में तो सास बहू के बीच की नोकझोंक बड़ी नकारात्मकता लिए हुए होती है किन्तु ब्याह शादी और अन्य फक्शंस पर सास बहू की नोकझोंक पर बने बन्ना गीत  और लोकगीत हास्य का विषय होते हैं और महिलाओं द्वारा खूब चटकारे ले कर ढ़ोलक पर गाये जाते हैं और मेहमानों का खूब मनोरंजन कर कार्यक्रम की रौनक बढ़ा देते हैं.  पति पत्नी की नोक झोंक पर पढ़िए यह हास्य कविता भारत में विशेष कर उत्तर भारत में विवाह-शादी या अन्य पारिवारिक फंक्शन में दो पक्षों के बीच जैसे लड़के वाले और लड़की वालों के बीच, भात आदि में वर या वधू के मामा-मामी पक्ष और बुआ पक्ष, जीजा-साली नन्द-भाभी और सास और बहू के बीच की मजेदार चटपटी नोकझोंक को लेकर बहुत से हास्य लोकगीत और बन्ना बन्नी गीत लिखे गये हैं. यहां हम सास बहू पर लिखा तड़कता भड़कता बन्ना गीत प्रस्तुत कर रहे हैं... आशा है आपको अवश्य पसंद आएगा. अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिए. सास-बहू के बीच नोकझोंक का हास्य  बन्ना लोकगीत-  बेटा शादी के बाद किसे दोगे कमाई बेटा शादी के बाद, किसे दोगे कमाई किसे दोगे कमाई बेटा बहू को दोगे तो करूं ना सगाई होने वाली सासुल, भोली भाली सासुल   प्या

सास बहू नन्द पर लोकगीत-- सासुल कमर लचके

सास बहू और नन्द    के रिश्ते पर हमारे देश में बहुत से लोकगीत बने हैं.  सास बहू नन्द लोक गीतों को गाकर और उन गीतों पर डांस कर शादी विवाह और अन्य शुभ अवसरों जैसे बच्चे के जन्म , कुआं पूजन आदि पर खूब मनोरंजन किया जाता है. तो पढ़िये हमारा सास-बहू पर यह मौलिक और नया चटपटा लोक गीत सासुल कमर लचके Folk Dance  New Folk Lyrics पर प्रस्तुत है विवाह आदि अथवा किसी भी उत्सव पर  गाकर अथवा नृत्य(Dance) करके  धूम मचाने के लिए   सास बहू पर लोकगीत   के बोल.....  सासुल कमर लचके कमर लचके ओ सासुल, कमर लचके हम से आँगन ना बुहारा जाएL कमर लचके कमर लचके ओ सासुल, कमर लचके जिया धडके, म्हारो जिया धडके कमर लचके ओ सासुल, कमर लचके चार हाथ की नन्दुलिया क्यों आँगन नाये बुहारे जैसी तुमको प्यारी सासुल हम भी अपनी माँ के प्यारे कैसे दीदे मटके काहे हमसे अटके हम से आँगन ना बुहारा जाए कमर लचके फूल पात की मै पान्खुरिया नाजो पाली माँए बहू काम ना करे यह सासुल हर पल तू क्यो गाये काहे बेटा ए सिखलाये हमे बालम डपटे काहे हमसे अटके म्हारो जिया धडके कमर लचके ओ सासुल, कमर लचके -------------------

बेटी के जन्म के लिए जच्चा- चांद की एक किरण मेरे घर आई है

परिवार में बच्चे के जन्म पर गाये जाने वाले गीत जच्चा कहलाते हैं. घर में बेटी का जन्म होना बड़े सौभाग्य की बात होती है. वह समय अब गया जब बेटियों के होने पर  घर में सबके मुँह लटक जाते थे. कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामले भी अब बहुत कम देखने को मिलते हैं. खूब जोरशोर से उत्सव मनाते हैं और जच्चा गीत गाये जााते हैं. बेटियों को लोग अब दुआओं में मांगते हैं.  Jeevan ke rang fashion ke sang  best shopping  मांगे भी क्यों ना? आज बेटियां हर क्षेत्र में माता-पिता का नाम रोशन कर रही हैं. घर की रोशनी होती है बेटी , बिल्कुल चांद की किरण जैसी.... सब चांद सी बेटियों को ध्यान में रख कर ही हमने यह जच्चा गीत लिखा है. आशा है गीत आपको पसन्द आयेगा.  चांद की एक किरण मेरे घर आई है   प्यारी सी बिटिया  यह भी पढ़ें  नारी को परिभाषित करती एक कविता जच्चा  - बच्चे के जन्म पर गाए जाने वाले गीत  ( Childbirth song lyrics)  को कहा जाता है. इन गीतों को सोहर के गीत भी कहा जाता है. यहां हम बेटी के जन्म पर गाए जाने के लिए अंजू अग्रवाल द्वारा रचित एक गीत के बोल   ' चांद की एक किरण मेरे घर आई है'  प्रस