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जून 11, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कला की देवी मां सरस्वती के चरणों में 'सरस्वती वंदना'

कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम हो, कला की देवी मां सरस्वती के चरणों में 'सरस्वती वंदना' से ही प्रारंभ होता है. कवि सम्मेलन हो या स्कूल आदि में होने वाले cultural  program  में प्रारंभ में सरस्वती वंदना अवश्य गायी जाती है़.  सरस्वती वन्दना ऐसा सांस्कृतिक गीत होता है जिसके द्वारा प्रत्येक कार्यक्रम के प्रारंभ में मां शारदे की स्तुति की जाती है और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. लेखकों, कवियों, विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए तो मां सरस्वती ही उनकी अभीष्ट देवी है . मां शारदे से वो बुद्धि, कौशल, निपुणता और सफलता की कामना करते हैं.  यहां भी हम इस ब्लॉग को प्रारंभ करते हुए सर्वप्रथम मां सरस्वती के चरणों में यह वंदन गीत (भजन )- सरस्वती वंदना  प्रस्तुत कर रहे हैं. आशा है आप को अवश्य पसंद आएगा.   यह सुंदर कविता भी पढ़ें -  कैसे रचनाकार अपनी पीड़ा को को कविता में ढालता है- कविता 'काँटों का जंगल' New Folk Lyrics  पर सांस्कृतिक  गीत(cultured song lyrics) के अन्तर्गत  बुद्धि, कला एवं विद्या की देवी माँ सरस्वती के चरणों में एक   सरस्वती वंदना