सावन के महीने में हरियाली तीज का त्यौहार भारत का प्रमुख त्यौहार है. हरियाली तीज पर औरतें झूला झूलती है और भी झूला झूलते हुए सावन के गीत गाती है. सावन के गीतों को मल्हार भी कहा जाता है. अब तो जगह-जगह क्लब, किटी पार्टियों और संस्थाओं में भी तीज का त्यौहार बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है और सब महिलाएं सुन्दर सुन्दर साड़ी , लहंगे यानि सुन्दर सुन्दर ड्रेसिस पहन कर इकट्ठे होकर गीत, संगीत, नृत्य द्वारा बड़े हर्ष और उल्लास के साथ हरियाली तीज का त्योहार सावन के गीत गाते हुए मनाती हैं. इसीलिए हरियाली तीज के शुभ अवसर के लिए हम आपके लिए लाये हैं यह सुन्दर सावन का गीत " सखी हमें सावन ना भावे" पढें चटपटा लोकगीत आशा है आपको अवश्य पसंद आएगा. अपनी प्रतिक्रिया नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य दीजिए. सावन गीत- सखी हमें सावन ना भावे नटखट बदरी भर-भर गगरी डाले हम पे नीर बलम हमारे गए विदेशवा हृदय उठे पीर जियरा उमड़ उमड़ के आवे सखी हमें सावन, ना भावे सखियां झूलें संग सजना के फूले मन हैं दिन खुशियों के हिल मिल झूलें, गावें मल्हारे विरह के मारे नैन हमारे नीर बहावे सखी हमें सावन, ना भावे लड़के के