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सावन का गीत- मल्हार| झूला गीत

सावन के महीने में हरियाली तीज का त्यौहार भारत का प्रमुख त्यौहार है. हरियाली तीज पर औरतें झूला झूलती है और भी झूला झूलते हुए सावन के गीत गाती है. सावन के गीतों को मल्हार भी कहा जाता है.

अब तो जगह-जगह क्लब, किटी पार्टियों और संस्थाओं में भी तीज का त्यौहार बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है और सब महिलाएं सुन्दर सुन्दर साड़ी, लहंगे यानि सुन्दर सुन्दर ड्रेसिस पहन कर  इकट्ठे होकर गीत, संगीत, नृत्य द्वारा बड़े हर्ष और उल्लास के साथ हरियाली तीज का त्योहार सावन के गीत गाते हुए मनाती हैं.

इसीलिए हरियाली तीज के शुभ अवसर के लिए हम आपके लिए लाये हैं यह सुन्दर सावन का गीत "सखी हमें सावन ना भावे" 

सावन-गीत-सखी-हमें-सावन-ना-भावे

पढें चटपटा लोकगीत

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सावन गीत-

सखी हमें सावन ना भावे

नटखट बदरी

भर-भर गगरी 

डाले हम पे नीर

बलम हमारे

गए विदेशवा

हृदय उठे पीर

जियरा उमड़ उमड़ के आवे

सखी हमें सावन, ना भावे


सखियां झूलें 

संग सजना के

फूले मन हैं

दिन खुशियों के

हिल मिल झूलें,

गावें मल्हारे

विरह के मारे

नैन हमारे नीर बहावे

सखी हमें सावन, ना भावे

लड़के के विवाह के लिए विवाह गीत


लिख लिख उनको 

पाती हारी

तुम ना आए

आयी याद तुम्हारी

चूड़ी कंगना

बिन्दिया बिछिया

झूमर, गजरा

लाली, कजरा

चोली लंहगा

मन यह बहका

मिल सब बालम

तरसे, तरसावे

तुम बिन सजना, कुछ ना भावे

सखी हमें सावन, ना भावे


Sakhi hame sawan na bhave

Natkhat badri

Bhar bhar gagri

Dale ham pe neer

Balam hamare 

Gaye hai videshva

Hridaya uthe peer

Jiyara umad umad ke aave

Sakhi hame sawan na bhave


Sakhiya jhoole 

sang sajna ke

Foole man hai

Din khushiyo ke

Hil mil jhoole

Gave malhare

Virah ke mare

Nayan hamare, neer bahave

Sakhi hame sawan na bhave


Likh likh unko 

pati hari

Sawan aaya

Tum na aaye

Aayi yad tumhari

Choodi, kangna

Bindiya bichhia

Jhoomar gazara

Lali gazra

Choli langa

Man yah bahka

Mil sab balam

Tarse, tarsave

Tum bin sajna, kuchh na bhave

Sakhi hame sawan na bhave

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