विवाह गीत (बन्नी)-बेटी की शादी मैं गाने के लिए. जब द्वार पर बारात आती है तो दामादजी के स्वागत में भी ये भावुक सा बन्नी गीत गाया जा सकता है. यह गीत अवश्य एक भावुक वातावरण बना देगा और हर किसी की आंखों में आंसू जरूर ला देगा.
इस गीत में धुन बनाने के लिए जहां रुकना है वहां कोमा(,) लगाया गया है, उस हिसाब से गाने पर धुन अच्छी बनेगी. बीच-बीच में तीन अंंतरे फिल्मी गानों के हैं. गाते-गाते बीच में रुक कर यह फिल्मी अंतरे गाये जाए तो अलग ही समां बंंधेगा.
तो पेश है...
बन्नी- बेटियां कहते, हैं, पराया है धन
1.
बेटियां कहते, हैं, पराया है धनरहता सदा, पर, इनमें ही मन
सजाया खूब, हमने, गुणों से इसे
मिलेगा ऐसा, ही वर, सौंपेंगे जिसे
आ गए, जिनकी, थी यह धरोहर
इन्हीं के, लिए, रखा हमने संजोकर
(वाह वाह रामजी जोड़ी क्या बनाई
दूल्हा और दुल्हन को बधाई है बधाई)
दुआ है, यही, खिले मन-उपवन
बेटियां कहते, हैं, पराया है धन
रहता सदा, पर, इनमें ही मन
आ गए, जिनकी, थी यह धरोहर
इन्हीं के, लिए, रखा हमने संजोकर
(वाह वाह रामजी जोड़ी क्या बनाई
दूल्हा और दुल्हन को बधाई है बधाई)
दुआ है, यही, खिले मन-उपवन
बेटियां कहते, हैं, पराया है धन
रहता सदा, पर, इनमें ही मन
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2.
पलकें उठा, कर, देखो लाड़ो सजन
वैसे ही, है, जैसी तुमको लगन
मां ने, मांगी दुआ, बाबुल देखें स्वप्न
दादी हर्षा, रही, बाबा मुसका रहे
जैसा चाहती, लाडो, मिले वैसे सजन
(सब रस्मों से बड़ी है जग में
मन से मन की सगाई
वाह वाह रामजी जोड़ी क्या बनाई
दूल्हा और दुल्हन को बधाई है बधाई)
जोड़ी सुंदर, मिटी, मन की तपन
बेटियां कहते, हैं, पराया है धन
रहता सदा, पर, इनमें ही मन
2.
पलकें उठा, कर, देखो लाड़ो सजन
वैसे ही, है, जैसी तुमको लगन
मां ने, मांगी दुआ, बाबुल देखें स्वप्न
दादी हर्षा, रही, बाबा मुसका रहे
जैसा चाहती, लाडो, मिले वैसे सजन
(सब रस्मों से बड़ी है जग में
मन से मन की सगाई
वाह वाह रामजी जोड़ी क्या बनाई
दूल्हा और दुल्हन को बधाई है बधाई)
जोड़ी सुंदर, मिटी, मन की तपन
बेटियां कहते, हैं, पराया है धन
रहता सदा, पर, इनमें ही मन
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3.
आओ आओ, पधारो, कुंवरजी हमारे अंगन
आज शोभा, न्यारी, पड़े आपके चरण
सीताजी को, ज्यों, रामजी ने वरा
वरो शुभ, घड़ी, शुभ है लगन
नारी के आक्रोश की एक कविता
(केसरिया बालम है आओ जी
पधारो म्हारे देश
पधारो म्हारे देश
आओ आओ जी केसरिया बालम
आओ जी पधारो म्हारे देश)
सौंप उनकी, धरोहर, सफल अब जीवन
बेटियां कहते, हैं, पराया है धन
रहता सदा, पर, इनमें ही मन
(केसरिया बालम है आओ जी
पधारो म्हारे देश
पधारो म्हारे देश
आओ आओ जी केसरिया बालम
आओ जी पधारो म्हारे देश)
सौंप उनकी, धरोहर, सफल अब जीवन
बेटियां कहते, हैं, पराया है धन
रहता सदा, पर, इनमें ही मन
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उत्तम लेखन, भावप्रधान सृजन
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