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An amazing Banni geet- beti ki Vidai ka geet

आज हम लेकर आये हैं आपके लिए नया amazing  banni geet. ब्लॉग "New Folk Lyrics" पर आप पढ़ते आये है अंजू अग्रवाल द्वारा रचित चटपटे 'banna banni geet'. किन्तु यह नया बन्नी गीत एक vidai geet है.

 बेटी के जन्म का जच्चा गीत भी पढ़े 

बेटी की विदाई के समय के लिए रचित इस बन्नी विदाई गीत के लिरिक्स हर किसी की आँखों को नम कर देंगे. तो प्रस्तुत है यह Vivah geet..... 

बेटी की शादी के लिए विदाई गीत (Vidai geet).....

banna-banni-geet-vidai-geet
pinterest से साभार 

कली एक चमन से जुदा हो रही है 

चटपटे लोकगीत पढ़े 

कली एक चमन से जुदा हो रही है 

कि लाड़ो आज, हमारी विदा हो रही है 

फूल मन में खिले पर आंखें हैं नम

छूटा जाए है आज, मेेरे बाबुल का अंगन 

रीति कैसी यह बनायी, जो, अदा हो रही है

कि लाड़ो आज, हमारी विदा हो रही है 


लाडो मुड़-मुड़ के देखे, बाबुल का अंगना

इसी घर में झूूली मैं, ममता का पलना 

लाडो गम ना करो तुम, नए घर से जुड़ो 

घर- वर ऐसा मिला, प्यार से तुम वरो

जिंदगी अब नई,  यह शुरु हो रही है

कि लाड़ो आज, हमारी विदा हो रही है

कन्या भ्रूण हत्या पर एक कविता पढ़े 


कैसे मन को मैं साधूं,  कैसे धीरज बांधूं

कैसे आंगन यह भूलूं, क्या बचपन भुला दूं

लाड़ो बरसें बहुत उस घर, तुम पर खुशियां

नगमें बहारों के हों, मुहब्बत की लड़िया

माना, मुश्किल यह आज घड़ी हो रही है

कि लाड़ो आज, हमारी विदा हो रही है


रख कलेजे पे पत्थर विदा कर रहे हैं

अदा फर्ज हुआ, सोच सब्र कर रहे हैं

लाड़ो तुमसे है अब तो यह अरमान हमारे 

वहां खुशी से निभाना तुम फर्ज अपने सारे

प्यार की मातपिता के, अदाई हो रही है

कि लाड़ो आज, हमारी विदा हो रही है


लाडो बेटी तो होती है, तुलसी का पौधा

इस गमले में से, उस गमले में रोपा 

इस घर उगी, बढ़ी,  वहां खुशबू तुुम बिखेरना 

जीवन है नित्य नूतन, रंग आंगन में बिखेरना

उस घर अब तुम्हारी चाह हो रही है

कि लाड़ो आज, हमारी विदा हो रही है

स्वास्थ्य के अंतर्गत होम्योपैथी पर पढ़े महत्वपूर्ण जानकारी

Kali ek chaman se vida ho rhi hai


kali ek chaman se juda ho rhi hai

ki lado hamari aaj vida ho rhai hai

phool man me khile hai par aankhe hai nam

chhoota jaye hai aaj mere babul ka angan

reeti kaisi yah banayi jo ada ho rahi hai

 ki lado hamari aaj vida ho rhai 


lado mud mud ke dekhe babul ka angana

isi ghar me jhooli mai mamta ka angana

lado gam na karo tum, naye ghar se judo

ghar var aisa mila, pyar se tum varo

jindagi yah nayi, ab shuru ho rhi hai

ki lado hamari aaj vida ho rhai hai


kaise man ko mai sadhoo, kaise dheerj baandhoo

kaise angana yah bhoolu, kya bachpan bhula doo

lado barse bahut us ghar tum par khushiya

nagme baharo ke ho, muhabbat ki ladiya

mana mushkil yah aaj ghadi ho rahi hai

ki lado hamari aaj vida ho rhai hai


rakh kalaje pe patthar vida kar rahe hai

ada farz hua, soch sabra kar rhe hai

lado tumse hai ab to yah armaan hamare

vaha khushi se nibhana, tum farz apne sare

pyar ki maat pita ke adaai ho rhai hai

ki lado hamari aaj vida ho rhai hai


Lado beti to hoti hai tulsi ka paudha

Is gamle me se, us gamle me ropa

Ugi, hui is ghar badi,vaha khushbu bikherana

Nitya nootan hai jeevan, rang aangan me bhikherana

Us ghar ab tumhari, chah ho rhi hai

ki lado hamari aaj vida ho rhai hai



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