लड़के का विवाह हो या लड़की का, हमारी भारतीय संस्कृति में महिलाओं द्वारा ढोलक पर गाये जाने वाले हास-परिहास भरे बन्ना गीत अथवा बन्नी गीतों के बिना विवाह की रौनक अधूरी लगती है, माहौल सूना सा लगता है. फ़िल्मी गीतों से अलग विभिन्न शुभ अवसरों पर ढोलक की थाप पर हमारे लोकगीत चाहे वे विवाह गीत हो अथवा बच्चे के जन्म पर गए जाने वाले सोहर गीत या जच्चा गीत हो या फिर 'किसने मारा रे रसगुल्ला घुमाये के' जैसे चटपटे नृत्य लोक गीत हो जिन पर पुरानी औरते घूम घूम कर नृत्य करती है, एक अलग ही समां बाँध देते है. ऐसे ही गीतों की क़डी में प्रस्तुत है लड़के के विवाह में गाये जाने के लिएएक अनूठा चटपटा मज़ेदार बन्ना गीत - मिलेंगे ना नैना तो कली भी ना खिलेगी मँडराये ना भँवर तो कली भी ना खिलेगी पढ़े लेख- कैसे बनाएं परिवार की बेहतर छवि मँडराये ना भँवर तो कली भी ना खिलेगी मिलेंगे जो ना नयना तो बन्नी ना मिलेगी हम देखेंगे जरूर बाबा, शादी से पहले शादी से पहले, हाँ हाँ, दादी हामी से पहले समझो ना हमें लड़की, कोई भी चलेगी मँडराये ना भँवर तो कली भी ना खिलेगी सैटिंग भी चलेगी ताऊजी, डेटिंग भी चलेग