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विवाह गीत| बन्नी। दामाद जी के लिए स्वागत गीत

  विवाह गीत (बन्नी )- बेटी की शादी मैं गाने के लिए. जब द्वार पर बारात आती है तो दामाद जी  के स्वागत में भी ये भावुक सा  बन्नी गीत गाया जा सकता है. यह गीत अवश्य एक भावुक वातावरण बना देगा और हर किसी की आंखों में आंसू जरूर ला देगा. इस गीत में धुन बनाने के लिए जहां रुकना है वहां कोमा(,) लगाया गया है, उस हिसाब से गाने पर धुन अच्छी बनेगी. बीच-बीच में तीन अंंतरे फिल्मी गानों के हैं. गाते-गाते बीच में रुक कर यह फिल्मी अंतरे गाये जाए तो अलग ही समां बंंधेगा.  तो पेश है... बन्नी-  बेटियां कहते, हैं, पराया है धन बेटी के जन्म पर एक जच्चा गीत 1. बेटियां कहते, हैं, पराया है धन रहता सदा, पर, इनमें ही मन सजाया खूब ,  हमने, गुणों से इसे मिलेगा ऐसा, ही वर, सौंपेंगे जिसे आ गए, जिनकी, थी यह धरोहर इन्हीं के, लिए, रखा हमने संजोकर ( वाह वाह रामजी जोड़ी क्या बनाई दूल्हा और दुल्हन को बधाई है बधाई ) दुआ है, यही,  खिले मन-उपवन बेटियां कहते, हैं, पराया है धन रहता सदा, पर, इनमें ही मन बन्ना गीत भी पढ़ें👈 2. पलकें उठा, कर, देखो लाड़ो सजन वैसे ही, है, जैसी तुमको लगन ...

बेटी के जन्म के लिए जच्चा- चांद की एक किरण मेरे घर आई है

परिवार में बच्चे के जन्म पर गाये जाने वाले गीत जच्चा कहलाते हैं. घर में बेटी का जन्म होना बड़े सौभाग्य की बात होती है. वह समय अब गया जब बेटियों के होने पर  घर में सबके मुँह लटक जाते थे. कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामले भी अब बहुत कम देखने को मिलते हैं. खूब जोरशोर से उत्सव मनाते हैं और जच्चा गीत गाये जााते हैं. बेटियों को लोग अब दुआओं में मांगते हैं.  Jeevan ke rang fashion ke sang  best shopping  मांगे भी क्यों ना? आज बेटियां हर क्षेत्र में माता-पिता का नाम रोशन कर रही हैं. घर की रोशनी होती है बेटी , बिल्कुल चांद की किरण जैसी.... सब चांद सी बेटियों को ध्यान में रख कर ही हमने यह जच्चा गीत लिखा है. आशा है गीत आपको पसन्द आयेगा.  चांद की एक किरण मेरे घर आई है   प्यारी सी बिटिया  यह भी पढ़ें  नारी को परिभाषित करती एक कविता जच्चा  - बच्चे के जन्म पर गाए जाने वाले गीत  ( Childbirth song lyrics)  को कहा जाता है. इन गीतों को सोहर के गीत भी कहा जाता है. यहां हम बेटी के जन्म पर गाए जाने के लिए अंजू अग्रवाल द्वारा रचि...

सास बहू नन्द पर लोकगीत-- सासुल कमर लचके

सास बहू और नन्द    के रिश्ते पर हमारे देश में बहुत से लोकगीत बने हैं.  सास बहू नन्द लोक गीतों को गाकर और उन गीतों पर डांस कर शादी विवाह और अन्य शुभ अवसरों जैसे बच्चे के जन्म , कुआं पूजन आदि पर खूब मनोरंजन किया जाता है. तो पढ़िये हमारा सास-बहू पर यह मौलिक और नया चटपटा लोक गीत सासुल कमर लचके Folk Dance  New Folk Lyrics पर प्रस्तुत है विवाह आदि अथवा किसी भी उत्सव पर  गाकर अथवा नृत्य(Dance) करके  धूम मचाने के लिए   सास बहू पर लोकगीत   के बोल.....  सासुल कमर लचके कमर लचके ओ सासुल, कमर लचके हम से आँगन ना बुहारा जाएL कमर लचके कमर लचके ओ सासुल, कमर लचके जिया धडके, म्हारो जिया धडके कमर लचके ओ सासुल, कमर लचके चार हाथ की नन्दुलिया क्यों आँगन नाये बुहारे जैसी तुमको प्यारी सासुल हम भी अपनी माँ के प्यारे कैसे दीदे मटके काहे हमसे अटके हम से आँगन ना बुहारा जाए कमर लचके फूल पात की मै पान्खुरिया नाजो पाली माँए बहू काम ना करे यह सासुल हर पल तू क्यो गाये काहे बेटा ए सिखलाये हमे बालम डपटे काहे हमसे अटके म्हारो जिया धडके कमर ...