प्रस्तुत है एक और नया जच्चा गीत जिसमें जच्चा अपने लाल के रूप पर बलिहारी हो रही है. इस गीत में जच्चा विचार करती है की सास, नंद, देवरानी, जेठानी जब नखरे दिखाएंगी तो उन्हें कैसे मनाया जाएगा.
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यह सब हंसी मजाक की बातें हैं जिन्हें गीतों में पिरोने से उत्सव में रौनक आ जाती है.
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तो लीजिए प्रस्तुत है बिल्कुल नया
जच्चा गीत- 'मेरे ललना का रूप सुहाना'
मेरे ललना का रूप सुहाना
देखे मुड़ मुड़ सारा जमाना
सुंदर सुंदर, सुंदर होऽऽऽ
प्यारा प्यारा,प्यारा होऽऽऽ
प्यारा उसका धीरे से मुस्काना
देखो नजर ना कोई लगाना
मेरे ललना का रूप सुहाना
देखे मुड़ मुड़ सारा जमाना
दादी रानी आएंगी, आएंगी जरूर
नखरे भी दिखाएंगी, दिखाएंगी जरूर
पांव छू कर उनको मनाना
उन्हें होगा चरुुवा भी चढ़ाना
मेरे ललना का रूप सुहाना
देखे मुड़ मुड़ सारा जमाना
बुआ रानी आएंगी, आएंगी जरूर
नखरे भी दिखाएंगी, दिखाएंगी जरूर
झुुमके देकर उनको है मनाना
नेकलेस देकर उनको है मनाना
उनसे सतिये भी है रखावाना
मेरे ललना का रूप सुहाना
देखे मुड़ मुड़ सारा जमाना
ताई रानी आएंगी, आएंगी जरूर
चाची रानी आएंगी, आएंगी जरूर
नखरे भी दिखाएंगी, दिखाएंगी जरूर
साड़ी देकर उनको है मनाना
होगा ललना को पलना झुलाना
मेरे ललना का रूप सुहाना
देखे मुड़ मुड़ सारा जमाना
सुंदर सुंदर, सुंदर हो ऽऽऽ
प्यारा प्यारा,प्यारा हो ऽऽऽ
प्यारा उसका धीरे से मुस्काना
देखो नजर ना कोई लगाना
मेरे ललना का रूप सुहाना
देखे मुड़ मुड़ सारा जमाना
chausar ke upar mazedar lokgeet padhe
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