सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सास बहू नोकझोंक पर हास्य बन्ना गीत

सामान्य जीवन में तो सास बहू के बीच की नोकझोंक बड़ी नकारात्मकता लिए हुए होती है किन्तु ब्याह शादी और अन्य फक्शंस पर सास बहू की नोकझोंक पर बने बन्ना गीत  और लोकगीत हास्य का विषय होते हैं और महिलाओं द्वारा खूब चटकारे ले कर ढ़ोलक पर गाये जाते हैं और मेहमानों का खूब मनोरंजन कर कार्यक्रम की रौनक बढ़ा देते हैं. 


भारत में विशेष कर उत्तर भारत में विवाह-शादी या अन्य पारिवारिक फंक्शन में दो पक्षों के बीच जैसे लड़के वाले और लड़की वालों के बीच, भात आदि में वर या वधू के मामा-मामी पक्ष और बुआ पक्ष, जीजा-साली नन्द-भाभी और सास और बहू के बीच की मजेदार चटपटी नोकझोंक को लेकर बहुत से हास्य लोकगीत और बन्ना बन्नी गीत लिखे गये हैं. यहां हम सास बहू पर लिखा तड़कता भड़कता बन्ना गीत प्रस्तुत कर रहे हैं... आशा है आपको अवश्य पसंद आएगा. अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिए.

सास-बहू के बीच नोकझोंक का हास्य  बन्ना लोकगीत- 

बेटा शादी के बाद किसे दोगे कमाई


सास-बहू-नोकझोंक-हास्य-बन्ना-गीत


बेटा शादी के बाद, किसे दोगे कमाई
किसे दोगे कमाई
बेटा बहू को दोगे तो करूं ना सगाई

होने वाली सासुल, भोली भाली सासुल  
प्यारी प्यारी सासुल
बात मन में मेरे, यह आई
बहना रानी से कर दे सगाई, ओ$$$$$ओ
नन्द रानी से कर दे सगाई
घर की घर में रहेगी कमाई
बेटा शादी के बाद, किसे दोगे कमाई
किसे दोगे कमाई

जा रे मैं ना करूं तेरी सगाई
ऐसे ओछे घरों की यह जाई
इसके पीहर में क्या ऐसा होवे
इसका बापू मैया का भैया होवे
कैसी बातें करे कल की जाई
बेटा शादी के बाद, किसे दोगे कमाई
किसे दोगे कमाई

सासुल धीरज धरो, अभी यूँ ना लड़ो
अभी यूँ ना लड़ो
जग में होगी,  घर की हँसाई
ठहरो कुछ दिन, बस घर मैं आई

बेटा शादी के बाद, किसे दोगे कमाई
किसे दोगे कमाई
सासू करना ना, हमसे तुम चतुराई
ले लूं तेरे बेटा की सब मैं कमाई

लेलो लेलो तुम, बहू सब कमाई
वारी जाए तुम पर यह सासु माई
बहू बेटा ही तो हैं, हमारी कमाई
यह तो झूठी थी सारी, की सारी लड़ाई
बेटा शादी के बाद, किसे दोगे कमाई
किसे दोगे कमाई
------------------

आशा है आपको यह गीत पसंद आया होगा और आप भी विवाह
आदि फंक्शन यह गीत गाकर महफिल को लूट लेंगी.
यह विवाह गीत(बन्ना) भी पढ़ें

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

विवाह गीत| बन्नी। दामाद जी के लिए स्वागत गीत

  विवाह गीत (बन्नी )- बेटी की शादी मैं गाने के लिए. जब द्वार पर बारात आती है तो दामाद जी  के स्वागत में भी ये भावुक सा  बन्नी गीत गाया जा सकता है. यह गीत अवश्य एक भावुक वातावरण बना देगा और हर किसी की आंखों में आंसू जरूर ला देगा. इस गीत में धुन बनाने के लिए जहां रुकना है वहां कोमा(,) लगाया गया है, उस हिसाब से गाने पर धुन अच्छी बनेगी. बीच-बीच में तीन अंंतरे फिल्मी गानों के हैं. गाते-गाते बीच में रुक कर यह फिल्मी अंतरे गाये जाए तो अलग ही समां बंंधेगा.  तो पेश है... बन्नी-  बेटियां कहते, हैं, पराया है धन बेटी के जन्म पर एक जच्चा गीत 1. बेटियां कहते, हैं, पराया है धन रहता सदा, पर, इनमें ही मन सजाया खूब ,  हमने, गुणों से इसे मिलेगा ऐसा, ही वर, सौंपेंगे जिसे आ गए, जिनकी, थी यह धरोहर इन्हीं के, लिए, रखा हमने संजोकर ( वाह वाह रामजी जोड़ी क्या बनाई दूल्हा और दुल्हन को बधाई है बधाई ) दुआ है, यही,  खिले मन-उपवन बेटियां कहते, हैं, पराया है धन रहता सदा, पर, इनमें ही मन बन्ना गीत भी पढ़ें👈 2. पलकें उठा, कर, देखो लाड़ो सजन वैसे ही, है, जैसी तुमको लगन मां ने, मांगी दुआ, बाबुल देखें स्व

बेटी के जन्म के लिए जच्चा- चांद की एक किरण मेरे घर आई है

परिवार में बच्चे के जन्म पर गाये जाने वाले गीत जच्चा कहलाते हैं. घर में बेटी का जन्म होना बड़े सौभाग्य की बात होती है. वह समय अब गया जब बेटियों के होने पर  घर में सबके मुँह लटक जाते थे. कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामले भी अब बहुत कम देखने को मिलते हैं. खूब जोरशोर से उत्सव मनाते हैं और जच्चा गीत गाये जााते हैं. बेटियों को लोग अब दुआओं में मांगते हैं.  Jeevan ke rang fashion ke sang  best shopping  मांगे भी क्यों ना? आज बेटियां हर क्षेत्र में माता-पिता का नाम रोशन कर रही हैं. घर की रोशनी होती है बेटी , बिल्कुल चांद की किरण जैसी.... सब चांद सी बेटियों को ध्यान में रख कर ही हमने यह जच्चा गीत लिखा है. आशा है गीत आपको पसन्द आयेगा.  चांद की एक किरण मेरे घर आई है   प्यारी सी बिटिया  यह भी पढ़ें  नारी को परिभाषित करती एक कविता जच्चा  - बच्चे के जन्म पर गाए जाने वाले गीत  ( Childbirth song lyrics)  को कहा जाता है. इन गीतों को सोहर के गीत भी कहा जाता है. यहां हम बेटी के जन्म पर गाए जाने के लिए अंजू अग्रवाल द्वारा रचित एक गीत के बोल   ' चांद की एक किरण मेरे घर आई है'  प्रस

कला की देवी मां सरस्वती के चरणों में 'सरस्वती वंदना'

कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम हो, कला की देवी मां सरस्वती के चरणों में 'सरस्वती वंदना' से ही प्रारंभ होता है. कवि सम्मेलन हो या स्कूल आदि में होने वाले cultural  program  में प्रारंभ में सरस्वती वंदना अवश्य गायी जाती है़.  सरस्वती वन्दना ऐसा सांस्कृतिक गीत होता है जिसके द्वारा प्रत्येक कार्यक्रम के प्रारंभ में मां शारदे की स्तुति की जाती है और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. लेखकों, कवियों, विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए तो मां सरस्वती ही उनकी अभीष्ट देवी है . मां शारदे से वो बुद्धि, कौशल, निपुणता और सफलता की कामना करते हैं.  यहां भी हम इस ब्लॉग को प्रारंभ करते हुए सर्वप्रथम मां सरस्वती के चरणों में यह वंदन गीत (भजन )- सरस्वती वंदना  प्रस्तुत कर रहे हैं. आशा है आप को अवश्य पसंद आएगा.   यह सुंदर कविता भी पढ़ें -  कैसे रचनाकार अपनी पीड़ा को को कविता में ढालता है- कविता 'काँटों का जंगल' New Folk Lyrics  पर सांस्कृतिक  गीत(cultured song lyrics) के अन्तर्गत  बुद्धि, कला एवं विद्या की देवी माँ सरस्वती के चरणों में एक   सरस्वती वंदना